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مقدمه
مساله اهانت به اولياء و پيامبران الهی و مقدسات اديان توحيدي امري تازه و جديد نيست. اهانت، استهزاء و تکذيب سه شيوه رايج در ميان اقوام سابق در مقابله با هدايت پيامبران بوده است. اهانت به پيامبران و دروغگو، ساحر، مجنون، قدرتطلب و سفيه و... خواندن آنان از جمله روشهاي رايج در ميان امتهاي گمراه گذشته و دشمنان پيامبران بوده است.